Hum Tum

हम तुम मिलके दिल के जोड़ें
तार हैं टूटे से थोडे

साज़ पे साँसों की छोड़ें
ताल पे धङकन की मोड़ें

मन बादल धुल जाए 
मोर बदन खुल जाए 
सोच का हो संगम 
शोर से हो सरगम 

हो जाए समा के हम में समान 
एक ज़माना ज़मीन आसमान.. 

हम तुम मिलके दिल के जोड़ें 
तार हैं टूटे से थोडे...


मिलके करना है सफर ये तय
अर्चनों से क्यों लगेगा भय? 

देरी दूरी हो चाहे मंज़िल से
साथ एक दूजे का हासिल है 

दिल पे लगे चोट घावों के
सारे हमसफर के पाँव के 

थाम लेना तुम जो लगे ठोकर
भीड़ में ना हम बिछड़ें खो कर 

हम तुम मिलके दिल के जोड़ें 
तार हैं टूटे से थोडे...


सूरज में सोना है आग है
चंदा में चांदी है दाग है 

आँखों में बसते आँसू के रस्ते
बातें बन के परछाईं हँसते 

हम में जो खराबी खूबी है
वो कमी खामी ताला चाबी हैं 

खून काँटों पे गुलाब कर देंगे
कीचड़ को कमल से भर देंगे 


हम तुम मिलके दिल के जोड़ें
तार हैं टूटे से थोडे 

साज़ पे साँसों की छोड़ें
ताल पे धङकन की मोड़ें 

मन बादल धुल जाए
मोर बदन खुल जाए 

सोच का हो संगम
शोर से हो सरगम 

हो जाए समा के हम में समान 
एक ज़माना ज़मीन आसमान.. 

हम तुम मिलके दिल के जोड़ें
तार हैं टूटे से थोडे... 

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